बाबा रामदेव के नाम पर करोड़ों की नकली दवाएं बेची

* यौन शक्ति वर्धक दवाओं का सच

       सिकंदरा के नीरव निकुंज में हरिद्वार पुलिस द्वारा पकड़े गए काल सेंटर चलाने वालों ने इंटरनेट मीडिया में आनलाइन की मदद से करोड़ों रुपये की नकली शक्तिवर्धक दवाएं बेची थीं। इन दवाओं पर बाबा रामदेव का फोटो लगाया जाता था। जिससे कि लोग आसानी से उन पर विश्वास कर लें। जबकि आरोपित नकली दवाओं की गोलियों और कैप्सूलों को हाथरस से खरीदते थे। इन दवाओं को लेकर दो साल के दौरान किसी भी ग्राहक द्वारा काल सेंटर पर आकर हंगामा नहीं करने के चलते आरोपियों का खेल पकड़ में नहीं आया। हरिद्वार पुलिस ने 12 नवंबर को नीरव निकुंज में छापा मारकर एक काल सेंटर को पकड़ा था। मौके से दो करोड़ रुपये की दवाएं बरामद की थी। पुलिस ने काल सेंटर में काम करने वाले कर्मचारियों को आकाश शर्मा, निवासी सेक्टर आठ, आवास विकास कालोनी जगदीशपुरा व सतीश कुमार, निवासी किशोरपुरा को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि वह काल सेंटर वर्ष 2019 से चला रहे थे। वह आनलाइन व अश्लील वेबसाइट पर शक्तिवर्धक दवाओं का प्रचार करते थे। आयुर्वेदिक दवाएं बताकर बिक्री के लिए बाबा रामदेव की फोटो लगाते थे। जिससे उनके पास खूब आर्डर आते थे।

हरिद्वार पुलिस ने बरामद दवाएं आगरा पुलिस के सुपुर्द की थीं। जांच के लिए पहुंचे औषधि निरीक्षक ने मामला एलोपैथी का बताया। इसके बाद जिला आयुर्वेदिक डाक्टर जेके राणा ने भी दवाओं को चेक किया था। उन्होंने पुलिस को बताया कि आरोपी हाथरस की एक फार्मेसी कंपनी से इन दवाओं को खरीदते थे। डाक्टर राणा ने कंपनी से अपना लाइसेंस व बेचे जाने वाले उत्पादों की सूची देने को कहा है। आरोपी दवाओं को कई गुना अधिक कीमत पर आनलाइन बेच रहे थे।

इंस्पेक्टर सिकंदरा विनोद कुमार के अनुसार आरोपी एक रुपये की गोली आनलाइन ग्राहकों को पांच सौ रुपये तक में बेचते थे। कैप्सूल में क्या भरा है, ग्राहकों को इसका पता नहीं चलता। दवा के नकली होने पर कोई शिकायत करने भी सामने नहीं आता था।

बाबा रामदेव की संस्था दिव्य योग मंदिर पतंजलि के के प्रतिनिधि ने हरिद्वार के बहादराबाद थाने में 28 जुलाई को मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी विचेचना इंस्पेक्टर रानीपुर कोतवाली कुंदन सिंह कर रहे हैं। मुकदमे में गजेंद्र यादव निवासी बाईंपुर सिकंदरा, दिलीप यादव निवासी कुंआ खेड़ा ताजगंज, बालकिशन यादव, राजेश यादव्र पीयूष कुमार, बादल ठाकुर व शरद आरोपित हैं। सिकंदरा पुलिस के अनुसार आरोपियों के वारंट मिलते ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। मामले में सिकंदरा पुलिस भी छानबीन कर रही है। आरोपियों के बैंक खातों के बारे में पता किया जा रहा है। इसके साथ ही वह जिस कोरियर कंपनी से माल भेजते थे, उससे भी डाटा हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे दवाएं कहां-कहां भेजी गईं, इसकी जानकारी जुटाई जा सके।

फर्जी आरटीपीसी आर रिपोर्ट देने के आरोप में एक गिरफ्तार

पुलिस ने फूलबाड़ी से एक फार्मासिस्ट को दबोचा

-बांग्लादेश यात्रा करने वालों को देता था फर्जी रिपोर्ट

सिलीगुड़ी: विदेश की यात्रा पर जाने से पहले यदि आप आरटीपीसीआर रिपोर्ट कराने के बारे में सोच रहे हैं तो हों तो सावधान हो जाएं।। एक बार फिर से आरटीपीसीआर टेस्ट की फर्जी रिपोर्ट तैयार करने का मामला सामने आया है। पश्चिम बंगाल के फूलबाड़ी क्षेत्र के एक फार्मासिस्ट पर ऐसा आरोप लगा है। वह बांग्लादेश की यात्रा करने वाले लोगों को फर्जी रिपोर्ट मुहैया करा रहा था तथा इसके बदले मोटी रकम वसूल रहा था। इस संबंध में थाना में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने दीपंकर सरकार नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। दीपंकर सरकार फूलबाड़ी में मेडिकल स्टोर चलाता है। भारत से बांग्लादेश की यात्रा करने वाले लोगों के लिए वह आरटीपीसीआर टेस्ट कराने का इंतजाम करता था, जिससे उन्हें विदेश की यात्रा में समस्या न हो। इसके लिए वह विभिन्न पैथोलॉजी सेंटरों के नाम का सहारा लेते हुए इसकी आड़ में फर्जी टैस्टरिपोर्ट तैयार करके दे देता था। मिलनपल्ली के एक पैथोलाजी सेंटर की ओर से इस बारे में थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी थी। इसके बाद पुलिस ने फुलबाड़ी पूर्व धनतल्ला इलाके से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। बताते चलें कि हवाई यात्रा करने या फिर दूसरे देशों में जाने के लिए कोविड वैक्सीन के दोनों डोज या फिर आरटीपीसीआर टेस्ट कराना जरूरी है। इसके बिना विदेश की यात्रा नामुमकिन है। इसी का फायदा उठाकर आरोपित फर्जी कोरोना आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट बनाकर चांदी काट रहा था। इससे पहले भी शहर में फर्जी रिपोर्ट बनाने को लेकर कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

मंत्री ने किया आनलाईन पोर्टल का लोकार्पण

अब पोर्टल पर ट्रैक की जा सकेगी सैंपल की रिपोर्ट

देहरादून। दवा और खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। इसके लिए अब एक पोर्टल तैयार किया गया है। कोई भी व्यक्ति इस पोर्टल पर शिकायत कर सकता है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार मिलावटखोरों को कड़ा संदेश देना चाहती है। ऐसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। आमजन से भी अपेक्षा है कि वे अपनी शिकायतें पोर्टल पर दर्ज कराएं।

स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले दिनों को आइटीबीपी रोड स्थित होटल में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आनलाइन पोर्टल का लोकार्पण किया। वहीं, ईट राइट अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारंभ भी उन्होंने किया। स्वास्थ्य मंत्री ने हाइजिन रेटिंग व ईट राइट कैंपस के लिए खाद्य कारोबारियों व विभिन्न संस्थान के प्रतिनिधियों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए। उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पहली बार इस तरह का कोई पोर्टल विभाग की ओर से लांच किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से विभाग की कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाने का प्रयास किया गया है। पोर्टल पर सैंपल लेने से लेकर लैब में पहुंचने और रिजल्ट तक को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि विभाग प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दे रहा है। सुरक्षित आहार, स्वास्थ्य का आधार नारा दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास है कि मिलावटखोरी पर पूरी तरह से नकेल कसी जाए। यह जरूरी है कि लोगों को अच्छा खानपान मिले। इसके लिए जनजागरण अभियान चलाए जाएंगे। मिलावटखोरी रोकने के लिए जिला प्रशासन के साथ ही आमजन का सहयोग लेने के निर्देश भी दिए गए हैं । कैंट विधायक हरबंस कपूर ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है। देश का प्रत्येक नागरिक स्वस्थ होगा तभी देश आगे बढ़ेगा। स्वस्थ जीवन का आधार स्वस्थ खानपान है।

एफडीए के आयुक्त डा. पंकज पांडेय ने ईट राइट अभियान की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि समय के साथ खानपान में बहुत बदलाव आ रहे हैं। सही खानपान न होने के कारण लोग तमाम बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन सब को देखते हुए हम खाने में सुधार करते हैं तो बहुत सी बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। हाइजिन रेटिंग के पीछे भी उद्देश्य यही है कि रेस्टोरेंट में खाने जाने वाले को पता रहे कि वह किस स्तर के प्रतिष्ठान में जा रहा है। इसके लिए रेस्टोरेंट आदि के बाहर रेटिंग भी डिस्प्ले कराई जा रही है।

अपर आयुक्त अरुणेंद्र चौहान ने विभाग की गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की। उपायुक्त गणेश चंद्र कंडवाल की ओर से सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य महानिदेशक डा. तृप्ति बहुगुणा, आइआइपी के निदेशक डा. अंजन रे, औषधि नियंत्रक हेमंत नेगी, सहायक औषधि नियंत्रक एसएस भंडारी, खाद्य सुरक्षा विभाग के उपायुक्त अनोज थपलियाल, उत्तराखंड फूड प्रोसेसिंग संगठन के संरक्षक अनिल मारवाह के अलावा तमाम खाद्य कारोबारी उपस्थित रहे।

राज्य में खाद्य संबंधी कारोबार करने वाले 41 हजार के करीब कारोबारियों ने ही पंजीकरण कराया है जबकि इनकी तादाद कहीं ज्यादा है। इसलिए स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि एक माह तक प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाया जाए और एक लाख से ज्यादा खाद्य कारोबारियों के पंजीकरण किए जाएं। इसी तरह औषधि विभाग भी अभियान चलाए। इससे खाद्य पदार्थों और दवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

उत्तराखंड फूड प्रोसेसिंग संगठन के संरक्षक अनिल मारवाह ने लघु कारोबारियों की समस्याएं स्वास्थ्य मंत्री के सामने रखी। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए फूड लाइसेंस का सालाना शुल्क पांच हजार से घटाकर एक हजार रुपये किया जाए। एमएसएमई व मल्टीनेशनल कंपनी के लिए एक ही तरह की कंप्लाइंस है। इसमें भी बदलाव किया जाए। वन टाइम लाइसेंस की व्यवस्था लागू करने की मांग भी उन्होंने की। इसके अलावा एमएसएमई के लिए एनुअल रिटर्न खत्म करने, फूड सप्लीमेंट निर्माण इकाइयों को पांच मीट्रिक टन तक लाइसेंस राज्य स्तर पर दिए जाने और लेबलिंग की छोटी-छोटी त्रुटि के लिए पांच से 25 हजार रुपये का जुर्माने का प्रावधान करने की भी मांग रखी उन्होंने की। कहा कि अभी लेबलिंग की त्रुटि के लिए पांच से तीन लाख रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान है, जो बहुत अधिक है। स्वास्थ्य मंत्री ने इन समस्याओं का संज्ञान लेते हुए सचिव को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।

ईट राइट अभियान के तहत संचालित कार्यक्रम:भोग, जैविक भारत, हाईजीन रेटिंग, फूड फोर्टिफिकेशन, ईट राइट स्कूल, ईट राइट कैंपस, क्लीन स्ट्रीट फूड हब, क्लीन एंड फ्रेश फ्रूट एंड वेजिटेबल मार्केट आदि।